थायरायड के लिए हरे पत्ते वाले धनिये (coriander ) की ताजा चटनी बना कर एक बडा चम्मच एक गिलास पानी में घोल कर पीना चाहिए -ये एक दम ठीक हो जाएगा -बस धनिया देसी हो उसकी सुगन्ध अच्छी हो-
सादा सुपाच्य भोजन,मट्ठा,दही,नारियल का पानी,मौसमी फल, ताज़ी हरी साग – सब्जियां, अंकुरित गेंहूँ, चोकर सहित आंटे की रोटी को अपने भोजन में शामिल करें |
मिर्च-मसाला,तेल,अधिक नमक, चीनी, खटाई, चावल, मैदा, चाय, काफी, नशीली वस्तुओं, तली-भुनी चीजों, रबड़ी,मलाई, मांस, अंडा जैसे खाद्यों से परहेज रखें | अगर आप सफ़ेद नमक (समुन्द्री नमक) खाते है तो उसे तुरन्त बंद कर दे और सैंधा नमक ही खाने में प्रयोग करे, सिर्फ़ और सिर्फ सैंधा नमक ही खाए सब जगह |
गर्म पानी की रबड़ की थैली, गर्म पानी, एक छोटा तौलिया, एक भगौने में ठण्डा पानी |
सर्वप्रथम रबड़ की थैली में गर्म पानी भर लें | ठण्डे पानी के भगौने में छोटा तौलिया डाल लें | गर्म सेंक बोतल से एवं ठण्डी सेंक तौलिया को ठण्डे पानी में भिगोकर , निचोड़कर निम्न क्रम से गले के ऊपर गर्म-ठण्डी सेंक करें -
3 मिनट गर्म —— 1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म ——-1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म —— 1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म —— 3 मिनट ठण्डी
इस प्रकार कुल 18 मिनट तक यह उपचार करें | इसे दिन में दो बार प्रातः और सांय कर सकते हैं |
सूती मार्किन का कपडा, लगभग 4 इंच चौड़ा एवं इतना लम्बा कि गर्दन पर तीन लपेटे लग जाएँ | इतनी ही लम्बी एवं 5-6 इंच चौड़ी गर्म कपडे की पट्टी |
सर्वप्रथम सूती कपडे को ठण्डे पानी में भिगोकर निचोड़ लें, तत्पश्चात गले में लपेट दें इसके ऊपर से गर्म कपडे की पट्टी को इस तरह से लपेटें कि नीचे वाली सूती पट्टी पूरी तरह से ढक जाये | इस प्रयोग को रात्रि सोने से पहले 45 मिनट के लिए करें |
जमीन से लगभग तीन फिट नीचे की साफ मिटटी | एक गर्म कपडे का टुकड़ा |
लगभग चार इंच लम्बी व् तीन इंच चौड़ी एवं एक इंच मोटी मिटटी की पट्टी को बनाकर गले पर रखें तथा गर्म कपडे से मिटटी की पट्टी को पूरी तरह से ढक दें | इस प्रयोग को दोपहर को 45 मिनट के लिए करें |
मिटटी को 6-7 घंटे पहले पानी में भिगो दें, तत्पश्चात उसकी लुगदी जैसी बनाकर पट्टी बनायें |
एक बड़े टब में खूब ठण्डा पानी भर कर उसमें एक बैठने की चौकी रख लें | ध्यान रहे कि टब में पानी इतना न भरें कि चौकी डूब जाये | अब उस टब के अन्दर चौकी पर बैठ जाएँ | पैर टब के बाहर एवं सूखे रहें | एक सूती कपडे की डेढ़ -दो फिट लम्बी पट्टी लेकर अपनी जननेंद्रिय के अग्रभाग पर लपेट दें एवं बाकी बची पट्टी को टब में इस प्रकार डालें कि उसका कुछ हिस्सा पानी में डूबा रहे | अब इस पट्टी/ जननेंद्रिय पर टब से पानी ले-लेकर लगातार भिगोते रहें | इस प्रयोग को ५-१० मिनट करें, तत्पश्चात शरीर में गर्मी लाने के लिए 10-15 मिनट तेजी से टहलें |
इसे भी देखे -
आहार चिकित्सा :-
सादा सुपाच्य भोजन,मट्ठा,दही,नारियल का पानी,मौसमी फल, ताज़ी हरी साग – सब्जियां, अंकुरित गेंहूँ, चोकर सहित आंटे की रोटी को अपने भोजन में शामिल करें |
परहेज :-
मिर्च-मसाला,तेल,अधिक नमक, चीनी, खटाई, चावल, मैदा, चाय, काफी, नशीली वस्तुओं, तली-भुनी चीजों, रबड़ी,मलाई, मांस, अंडा जैसे खाद्यों से परहेज रखें | अगर आप सफ़ेद नमक (समुन्द्री नमक) खाते है तो उसे तुरन्त बंद कर दे और सैंधा नमक ही खाने में प्रयोग करे, सिर्फ़ और सिर्फ सैंधा नमक ही खाए सब जगह |
गले की गर्म-ठंडी सेंक:-
साधन :-
गर्म पानी की रबड़ की थैली, गर्म पानी, एक छोटा तौलिया, एक भगौने में ठण्डा पानी |
करे ये विधि :-
सर्वप्रथम रबड़ की थैली में गर्म पानी भर लें | ठण्डे पानी के भगौने में छोटा तौलिया डाल लें | गर्म सेंक बोतल से एवं ठण्डी सेंक तौलिया को ठण्डे पानी में भिगोकर , निचोड़कर निम्न क्रम से गले के ऊपर गर्म-ठण्डी सेंक करें -
3 मिनट गर्म —— 1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म ——-1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म —— 1 मिनट ठण्डी
3 मिनट गर्म —— 3 मिनट ठण्डी
इस प्रकार कुल 18 मिनट तक यह उपचार करें | इसे दिन में दो बार प्रातः और सांय कर सकते हैं |
गले की पट्टी लपेट उपचार :-
सामान का संसाधन :-
सूती मार्किन का कपडा, लगभग 4 इंच चौड़ा एवं इतना लम्बा कि गर्दन पर तीन लपेटे लग जाएँ | इतनी ही लम्बी एवं 5-6 इंच चौड़ी गर्म कपडे की पट्टी |
करे ये विधि :-
सर्वप्रथम सूती कपडे को ठण्डे पानी में भिगोकर निचोड़ लें, तत्पश्चात गले में लपेट दें इसके ऊपर से गर्म कपडे की पट्टी को इस तरह से लपेटें कि नीचे वाली सूती पट्टी पूरी तरह से ढक जाये | इस प्रयोग को रात्रि सोने से पहले 45 मिनट के लिए करें |
गले पर मिटटी कि पट्टी:-
सामान का संसाधन :-
जमीन से लगभग तीन फिट नीचे की साफ मिटटी | एक गर्म कपडे का टुकड़ा |
करे ये विधि :-
लगभग चार इंच लम्बी व् तीन इंच चौड़ी एवं एक इंच मोटी मिटटी की पट्टी को बनाकर गले पर रखें तथा गर्म कपडे से मिटटी की पट्टी को पूरी तरह से ढक दें | इस प्रयोग को दोपहर को 45 मिनट के लिए करें |
विशेष :-
मिटटी को 6-7 घंटे पहले पानी में भिगो दें, तत्पश्चात उसकी लुगदी जैसी बनाकर पट्टी बनायें |
मेहन स्नान:-
करे ये विधि :-
एक बड़े टब में खूब ठण्डा पानी भर कर उसमें एक बैठने की चौकी रख लें | ध्यान रहे कि टब में पानी इतना न भरें कि चौकी डूब जाये | अब उस टब के अन्दर चौकी पर बैठ जाएँ | पैर टब के बाहर एवं सूखे रहें | एक सूती कपडे की डेढ़ -दो फिट लम्बी पट्टी लेकर अपनी जननेंद्रिय के अग्रभाग पर लपेट दें एवं बाकी बची पट्टी को टब में इस प्रकार डालें कि उसका कुछ हिस्सा पानी में डूबा रहे | अब इस पट्टी/ जननेंद्रिय पर टब से पानी ले-लेकर लगातार भिगोते रहें | इस प्रयोग को ५-१० मिनट करें, तत्पश्चात शरीर में गर्मी लाने के लिए 10-15 मिनट तेजी से टहलें |
इसे भी देखे -
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