Monday, October 19, 2015

थायरायड के हार्मोन असंतुलित से होने वाले रोग -

थायरायड ग्रंथि से थाईराक्सिन कम बन ने की अवस्था को ” हायपो -थायराडिज्म ” कहते हैं, इस से निम्न रोग लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं :-



अल्प स्राव (HYPO THYRODISM ):-


शारीरिक व् मानसिक वृद्धि मंद हो जाती है -बच्चों में इसकी कमी से CRETINISM नामक रोग हो जाता है |

12 से 14 वर्ष के बच्चे की शारीरिक वृद्धि 4 से 6 वर्ष के बच्चे जितनी ही रह जाती है |

ह्रदय स्पंदन एवं श्वास की गति मंद हो जाती है | हड्डियों की वृद्धि रुक जाती है और वे झुकने लगती हैं |

मेटाबालिज्म की क्रिया मंद हो जाती हैं | शरीर का वजन बढ़ने लगता है एवं शरीर में सुजन भी आ जाती है |

सोचने व बोलने की क्रिया मंद पड़ जाती है | त्वचा रुखी हो जाती है तथा त्वचा के नीचे अधिक मात्रा में वसा एकत्र हो जाने के कारण आँख की पलकों में सुजन आ जाती है |

शरीर का ताप कम हो जाता है, बल झड़ने लगते हैं तथा ” गंजापन ” की स्थिति आ जाती है |

थायरायड ग्रंथि का अतिस्राव:-




इसमें थायराक्सिन हार्मोन अधिक बनने लगता है | इससे निम्न रोग लक्षण उत्पन्न होते हैं:-

शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है | ह्रदय की धड़कन व् श्वास की गति बढ़ जाती है |

अनिद्रा, उत्तेजना तथा घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं | शरीर का वजन कम होने लगता है |

कई लोगों की हाँथ-पैर की उँगलियों में कम्पन उत्पन्न हो जाता है | गर्मी सहन करने की क्षमता कम हो जाती है |

मधुमेह रोग होने की प्रबल सम्भावना बन जाती है | घेंघा रोग उत्पन्न हो जाता है | तथा शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है |


पैराथायरायड ग्रंथियों के असंतुलन से उत्पन्न होने वाले रोग:-



पैराथायरायड ग्रंथियां ” पैराथार्मोन “ हार्मोन स्रवित करती हैं | यह हार्मोन रक्त और हड्डियों में कैल्शियम व् फास्फोरस की मात्रा को संतुलित रखता है | इस हार्मोन की कमी से – हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं, जोड़ों के रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं |

पैराथार्मोन की अधिकता से – रक्त में, हड्डियों का कैल्शियम तेजी से मिलने लगता है,फलस्वरूप हड्डियाँ अपना आकार खोने लगती हैं तथा रक्त में अधिक कैल्शियम पहुँचने से गुर्दे की पथरी भी होनी प्रारंभ हो जाती है |

विशेष :-


थायरायड के कई टेस्ट जैसे - T -3 , T -4 , FTI , तथा TSH द्वारा थायरायड ग्रंथि की स्थिति का पता चल जाता है | कई बार थायरायड ग्रंथि में कोई विकार नहीं होता परन्तु पियुष ग्रंथि के ठीक प्रकार से कार्य न करने के कारण थायरायड ग्रंथि को उत्तेजित करने वाले हार्मोन -TSH [ Thyroid Stimulating hormone ] ठीक प्रकार नहीं बनते और थायरायड से होने वाले रोग लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं |

इसे भी देखे- थायराइड ग्रंथि से सम्बंधित समस्या और उपचार -

थायरायड की प्राकृतिक चिकित्सा - 


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