लोग गुटका, पान मसाला, तंबाकू, धूम्रपान और इसी तरह की कितनी ही चीजों के आदी होते हैं। कुछ लोग तो ऐसी चीजों को खाने के लिए हरदम बेचैन रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करके आप खुद को ही कुएं में डाल रहे हैं। यानी ऐसा करने से आप बीमारियों को खुद बुलावा दे रहे हैं-
गुटखे के पाउच की रंग-बिरंगी पैकिंग खोलकर अपने मुंह में डालें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि इससे न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है-बल्कि इससे दांत भी खराब हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुकसान हो सकता है-
क्या आप जानतें हैं पान मसाला, तंबाकू और गुटका आपके शरीर पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इतना ही नहीं इनका प्रभाव कई बार इतना खतरनाक होता है कि आपको कैंसर तक हो सकता है। सिर्फ बीमारियां ही नहीं, इनसे व्याक्ति का हार्मोंन संतुलन भी बिगड़ने लगता है और सेक्स हार्मोंस भी प्रभावित होते हैं-
गुटका और आपका सेक्स हार्मोन्स :-
गुटका, तंबाकू और इसी तरह की अन्य चीजों से आपको मुंह के कैंसर का सबसे अधिक खतरा रहता है। इसके साथ ही आपकों मुंह की कई और समस्याएं भी हो सकती हैं। इतना ही नहीं गुटका इत्यादि चीजों से आपके दांत भी खराब हो जाते हैं और आपको सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा भी रहता है।
आपको गुटका, तंबाकू, पान इत्यादि खाने से इसीलिए भी बचना चाहिए क्योंकि इनके निर्माण में कई तरह के रसायन और खुशबुदार कलर्स का इस्तेमाल होता है जिससे आपके हार्मोंस तो प्रभावित होते ही हैं साथ ही आपके डीएनए को भी नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है।
शोधों में ये बात साबित हो चुकी है कि गुटका व इसी तरह की अन्य चीजों के सेवन से शरीर के विभिन्न अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि ये नए नहीं हैं क्योंकि पहले भी कई शोधों में तंबाकू और गुटके के नुकसान साबित हो चुके है। इसके साथ ही इनसे होने वाले दांतों के नुकसान भी साबित हो चुके है।
दुनियाभर के देशों में भारत के लोगों को मुंह का कैंसर व अन्य तरह के कैंसर का सबसे अधिक खतरा रहता है, इसका सबसे बड़ा कारण भारतीयों द्वारा गुटके का अधिक से अधिक प्रयोग। दरअसल, गुटके में मिलाया जाने वाला तंबाकू, सुपारी, चूना, नशीले पदार्थ और कत्था इत्यादि से शरीर के एंजाइम्स पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे शरीर के हर हिस्से में पाए जाने वाले इन एंजाइम्स की कार्यशैली और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्या आप जानते हैं शरीर में मौजूद एंजाइम्स हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ऐसे में एंजाइम्स को सेक्स हार्मोंस को बनाने में उस समय दिक्कतें आने लगती हैं जब गुटके के प्रभाव से एंजाइम्स की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
इतना ही नहीं गुटके के कारण शरीर में मौजूद टॉक्सिन की प्रक्रिया भी बाधा होती है क्योंकि गुटके से टॉक्सिन बनाने वाले हार्मोंस की प्रक्रिया में भी बाधा होने लगती है।
हमारे कहने का अर्थ है गुटके के खाने से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट सेक्स हार्मोंस बहुत प्रभावित होते है। इतना ही नहीं जो पुरूष बहुत अधिक गुटके का सेवन करने लगते हैं, या लगातार गुटका खाने लगते हैं उनके नंपुसक होने की संभावना दुगुनी हो जाती है। यानी गुटके से कई और बीमारियों के साथ ही सबसे अधिक नेगेटिव प्रभाव सेक्स हार्मोंस पर पड़ता है और यदि गर्भवती महिलाएं गुटके का सेवन करती हैं तो उनके होने वाले बच्चे पर इसका नेगेटिव प्रभाव पड़ता है।
आप तम्बाखू गुटके से बचे तो आपको किसी डॉक्टर से नापुंसक होने की दवा नहीं पूछनी पड़ेगी न ही आपके पैसे की बर्बादी होगी .
हमारी सभी पोस्ट नीचे लिंक पे देख सकते है -
उपचार और प्रयोग की सभी पोस्ट की सूची -
उपचार और प्रयोग -
No comments:
Post a Comment