Sunday, October 04, 2015

मुंह के छाले के लिए कुछ आसान टिप्स - Some simple tips for mouth ulcers

अक्सर देखने में आता है किपेट में कब्ज-पेट की गर्मी -दाँत से जीभ कटने या किसी अन्य कारण से जब मुँह में छाले हो जाते है - तो कुछ भी खाना-पीना व निगलना तक बहुत ही मुश्किल हो जाया करता है-और जब जीभ पर भी छाले हो जाया करते हैं तब तो बहुत ही असहनीय हालत हो जाती है ऐसी हालत में कुछ भी न खाते न उगलते ही बनता है-



जाने कुछ आसान उपाय:-



सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बनाकर इस चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटना चाहिए।


शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुँह के छालों पर करें और लार को मुँह से बाहर टपकने दें।


छोटी हरड़ को महीन पीसकर छालों पर लगाने से मुँह तथा जीभ के छालों से निश्चित रूप से छुटकारा मिलता है। इसे दिन में दो तीन बार अवश्य ही लगायें।


तुलसी की चार-पाँच पत्तियां नित्य सुबह और शाम चबाकर ऊपर से दो घूँट पानी पीयें। मुँह के छाले शीघ्र ठीक जाते है ।


मुँह में छाले होने पर सुबह शाम अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।


पान लगाने वाले कत्थे को मुहँ के छालों में लगाने से जल्द लाभ मिलता है ।


अमरूद के कोमल ताजे पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से भी मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।


कत्था, मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुँह के छालों पर तीन चार दिन तक दिन में 2-3 बार लगाना चाहिए।


दिन में 3-4 बार शुद्ध घी या मक्खन को मुँह के छालों में लगाना चाहिए ।


मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर छालों में लगायें।


नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से भी मुँह के छाले शीघ्र दूर होते हैं।


मुहँ के छाले होने पर अमृतधारा में शहद मिलाकर उसे दिन में 3-4 बार रुई से लगाना चाहिए ।


दो ग्राम भुना हुआ सुहागा का बारीक चूर्ण पन्द्रह ग्राम ग्लींसरीन में मिलाकर दिन में दो तीन बार मुँह एवं जीभ के छालों पर लगायें।


पानी में नारियल का तेल मिलाकर उसके गरारे करने से भी जल्दी लाभ मिलता है ।


अलसी के कुछ दाने दिन में 2-3 बार चबाने से भी मुहँ के छालों में आराम मिलता है ।


मट्ठा पीने से भी शीघ्र लाभ मिलता है ।


नीम के टूथपेस्ट या नीम के मंजन से भी मुँह के छालों में आराम मिलता है ।


मुहँ के छाले होने पर मिर्च मसाले, आचार, तम्बाकू,दही या खट्टे पदार्थों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए-


उपचार और प्रयोग-



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