जी हाँ यदि आप चाहते है कि कोई अच्छा सा गैस हर चूर्ण मिल जाए तो परेशान क्यों आप गैस-हर चूर्ण घर पे बनाये तो आइये घर पे ही बना ले आप ये गैस-हर चूर्ण -
छोटी हरड़ (बाल हर्र) एक किलो इन्हें साफ करके दही की छाछ (मही) में फुलाइए । सुबह फुलते छाछ में डाल दीजिए । दूसरे दिन सुबह छाछ मे से निकाल कर पानी से साफ करके, छाया में कपड़े पर डाल कर सुखा लीजिये। जब सूख जाएं तब पुन: छाछ में डालिये | छाछ में डालकर सुखाने में 'मही की भावना' देना कहते हैं . इस प्रकार इन हर्रों को मही की 3-4-6 (छ: तक ) भावनाएं दीजिये | भावना देने के बाद, सूख जाने पर, इन्हें महीन पीस लीजिये .बारीक चलनी से छान लीजिये -
इस प्रकार बनाये गए एक किलो छोटी हरड़ के चूर्ण में पाव किलो अजवाइन पीस कर मिला लीजिये । फिर इस चूर्ण में काला नमक रुचि अनुसार मिला लीजिये । बस उत्तम गैसहर चूर्ण तैयार है ।
सेवन विधि :-
भोजन के बाद सेहत के अनुसार, यह चूर्ण गुनगुने पानी से लें । (ठंडा पानी से भी ले सकते है )
लाभ :-
पाचन शक्ति भी बढ़ती है । दस्त साफ होते हैं ।
गैस का दर्द दूर करने के लिये यह अचूक, शर्तिया दवा है ।
गैस की तकलीफ कभी नहीं होगी ।
तकलीफ होने पर 5-6 मिनिट मे आराम होता है ।
चूर्ण बनाने की दूसरी विधि :-
इन हर्रों को रेत में भूंज लीजिये । खूब फूलती है । इन्हें पीस लीजिये । जल्दी पिस जाते है । और पांच ग्राम की मात्रा गुनगुने पानी से सेवन करे-
तीसरी विधि :-
इसी चूर्ण में 60 ग्राम सनाय (सोनामुखी) की पत्ती को हलका भुनकर चूर्ण बनाकर डालने से पुराने से पुराना बध्दकोष्ट (कब्ज) भी हफते भर में ठीक हो जाता है । सनाय की पत्ती, बिना भून का डालने से, पेट में भरोड़ आती है ।
पेट की गैस की बीमारी यदि पुरानी न हो तो निम्नलिखित पेट की गैस-निवारक चटनी के सेवन से लाभ प्राप्त किया जा सकता है :-
मुनक्का (बीज निकालकर) -30 ग्राम
अदरक- 6 ग्राम
सौंफ बड़ी- 6 ग्राम
काली मिर्च- 3 ग्राम
सेंधा नमक - 3 ग्राम (या स्वादानुसार) ।(ये सभी चीजे बाजार में आसानी से उपलब्ध है )
इन पांचों वस्तुओं को थोड़े पानी में पीसकर चटनी बना लें। इसे दोनों समय भोजन के समय रोटी या चावल के साथ आवश्यकतानुसार 1-2 चम्मच चटनी की भांति चाटें । आपको पेट की गैस और पेट खराबी में आराम मिलेगा ।
एक लौंग और एक इलायची प्रत्येक भोजन व नाश्ता के बाद लें लेने पर कभी भी एसिडिटी व गैस नहीं होती ।
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