जिनके घर में अनिष्ट शक्तियों का कष्ट होता है या घर में कोई वास्तु दोष होता है उनके घर के सदस्यों को या तो नींद नहीं आती या अत्याधिक नींद आती है या दिन भर आलस बना रहता है तो आपको ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए यह जान लेते हैं - बिना किसी अतिरिक्त दवा के -
यदि नींद अधिक आती हो या नींद नहीं आती हो तो एक बात सुस्पष्ट है कि घर का वातावरण अशुद्ध है अतः घर में वास्तु शुद्धि के सारे उपाय नियमित करें -
सबसे पहले ये उपाय करे :-
सबसे पहले आप अपने घर में एक तुलसी के पौधे को लगायें तथा घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें |
रात को अपने घर में दो दिन नीमपत्ती की धुनी जलाएं या फिर घर में कंडे या लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित कर धुना, लोबान एवं गूगुल जलाएं |
घर में नामजप करें या संतों के भजन-स्त्रोत्र -पठन या सात्त्विक नाम जप की ध्वनि रिकार्डर चलायें |
घर में नियमित गौ मूत्र का छिड़काव् करें ये आस पास के सभी निगेटिव वाइरस को खत्म करने की छमता रखता है- पुराने ज़माने में लोग जब मकान कच्चे हुआ करते थे तो गाय के गोबर से आँगन इत्यादि को लीपते थे उसका लाजिक भी यही था घर के आस पास निगेटिव वाइरस को समाप्त करना लेकिन गाय के मूत्र में आज भी वही गुण विधमान है ये एक प्राक्रतिक फिनायल है-
आप जैसे भी अपने घर कलह क्लेश टालें, वास्तु देवता "तथास्तु" कहते रहते हैं हैं अतः क्लेश से क्लेश और बढ़ता है और धन का नाश होता है जिस घर में क्लेश होता है वहां कभी सुख सम्पति नहीं आती है इसलिए कहावत है "जहाँ सुमति तहां सम्पति नाना ,जहाँ कुमति तहां विपति निधाना"
जब कभी भी -सत्संग प्रवचन का आयोजन करें - अतरिक्त स्थान घर में हो तो धर्मकार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु वह स्थान किसी संत या गुरु के कार्य हेतु अर्पण करें यदि ये भी न हो सके तो एक बार नवरात्रि में माता की आरती पाठ इत्यादि आयोजन करे जिस घर में कोई भी एक व्यक्ति हनुमान चलिषा या हनुमान अष्टक का पाठ कर लेता है उसके घर में कलह, विपति, बीमारी आदि कोसो दूर रहती है सिर्फ पांच मिनट का पाठ आपके जीवन को सुरक्षित और संपन्न करता है और निर्मल विचार की ओर उन्मुक्त करता है .जो व्यक्ति रात को सोते समय एक भी चलिषा के दोहे को मन ही मन सुमिरन करके विश्राम करता है उसे कभी बुरे स्वप्न नहीं आते है -.
संतों के चरण घर में पड़ने से घर की वास्तु 70% तक शुध्द हो जाती है अतः संतो के आगमन हेतु अपनी अपनी भक्ति बढ़ाएं मगर ढोगी साधू संतो से दूर रहे उत्तम संतो के अंदर लालच नहीं होता है वो अनायास ही किसी के घर में पदार्पण नहीं करते है न ही व्यापार में लिप्त होकर किसी वस्तु को भक्तो को बेचने हेतु प्रोत्साहित करते है-
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आप प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें- घर के सदस्यों का प्रसन्नचित रहने से घर की 30% शुद्धि हो जाती है क्लेश को स्थान न दे आने वाले मेहमान का निस्वार्थ भाव से स्वागत करे ये सोच कर इसमें भी वही प्रभु विद्धमान है जो सब में है मगर उसकी नियत को भी पहचाने कही वो आपके अनिष्ट का प्रतिभागी तो नहीं -
रात में सोते समय हो सके तो दिन भर बिछे चादर पर न सोयें क्योंकि घर में अनिष्ट शक्तियों के कष्ट होने पर वे बिछावन पर पहले से ही कई फुट का सूक्ष्म काला आवरण निर्माण कर देते हैं और ऐसे में सोने के लिए प्रयास करते समय बुरे विचार आना, नींद न आना, नींद आने के पश्च्चात भयानक स्वप्न आना , अगले दिन उठते समय संपूर्ण शरीर में वेदना होना या उठने के लिए अत्यधिक प्रयास करने पर ही उठ पाना , उठने के पश्चात तरोताजा न अनुभव कर पाना और थकावट अनुभव करना जैसे कष्ट यदि होते हों तो समझ लें कि रात्रि में हम पर अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण हुए हैं - इस हेतु क्या प्रयास कर सकते हैं इससे भी हम आपको अवगत कराते है- .
सोते समय स्वच्छ चादर और हो सके तो सफ़ेद चादर बिछा कर सोयें -सोने से पहले हाथ पैर स्वच्छ जल से धो लें और फिर सोने जाएँ-कमरे को पूर्ण अन्धकार कर न सोयें - लाल या नीला या हरे रंग के night बल्ब जला कर न सोयें इन रंगों के बल्ब अनिष्ट शक्तियों को आकृष्ट करते हैं - हलके पीले या सफ़ेद माध्यम प्रकाश देने वाले बल्ब जला कर सो सकते हैं -
यदि कष्ट तीव्र हो तो अपनी क्षमता अनुसार घी या तेल के दीप जलाकर सोयें और दीप से प्रार्थना करें कि उसके प्रकाश से पूर्ण रात्रि आपका अनिष्ट शक्तियों से रक्षण हो -
किसी संत के आश्रम से लाकर अगरबत्ती अपने बिछावन के थोडा दूर जलाकर सोयें -
पैर दक्षिण दिशा की ओर कदापि न हों इस इससे दक्षिण से आनेवाली राज-तम प्रधान लहरिओं को हमारी पैर की उँगलियाँ सोख लेती है जिससे कष्ट का प्रमाण बढ़ जाता है -
नग्न होकर कदापि न सोयें इससे भी अनिष्ट शक्तियों का कष्ट बढ़ जाता है-
सोने से पूर्व पूर्ण दिवस जो भी अच्छा या बुरा हमारे द्वारा हो उसका आत्म निवेदन अपने गुरु या इष्ट को अवश्य करें -और प्रार्थना करे कल का दिन आप मुझे मार्ग निर्देश दे क्युकि जीवन में सच्चा गुरु अंतर द्रष्टि रह कर भी आपका पथ प्रदर्शक है -
किसी होटल में या अन्य किसी के घर पर सोना पड़े तो अपने ओढने और बिछाने वाला चादर अपने साथ अवश्य रखें अन्य किसी के बिछावन पर न सोयें चाहे वह कितना भी महंगा क्यों न हो - यह मुद्दा उन लोगों ने विशेषकर ध्यान में रखनी चाहए जो अधिकतर यात्रा पर रहते हैं, निर्धारित स्थल पर पहुँचते ही अपने इष्ट का या गुरु का फोटो होटल के कमरे में लगा दें इससे वहां के वास्तु की शुद्धि होने लगेगी और रात्रि होने तक वास्तु कुछ स्तर तक पवित्र हो जायेगा -
सबसे महत्व पूर्ण है कि सोने से पूर्व बिछावन पर बैठकर 15 मिनट अपने गुरुमंत्र का या इष्टदेवता का मंत्र जपकर सोयें और प्रार्थना इस प्रकार करें - हे भगवन, अभी 15 मिनट जो मैं जप करने जा रहा हूँ उस जप से आज संपूर्ण रात्रि मेरे अनिष्ट शक्तियों से रक्षण हो और मैं सुबह निर्धारित समय पर उठ पाऊं ऐसी आप कृपा करें रात भर मेरे चारों आपके शस्त्रों से कवच निर्माण हो ऐसी आप कृपा करें - ध्यान में रखें कि लेटकर यह कवच हेतु जप न करने क्योंकि यह जप पूर्ण करने से पहले ही अनिष्ट शक्तियां हमें सुला देती हैं जिससे कि उनका काम रात्रि में सरलता से होता रहे और वे हमें संपूर्ण रात्रि कष्ट देते रहे -
अपने बिछावन के चारों ओर सात्त्विक नामजप कि पट्टियाँ लगा सकते हैं या फिर रात्रि में सोने से पूर्व संत लिखित ग्रन्थ का वाचन कर सो सकते हैं या रात्रि में अपने लैपटॉप पर या cd प्लयेर पर नामजप की cd 'repeat ' लगाकर सो सकते हैं या किसी यज्ञ कि विभूति या मंदिर से प्राप्त विभूति को चुटकी भर लेकर अपने बिछवान के चारो ओर सोने से पूर्व फूँक सकते हैं -
जो लोग इंटर नेट का प्रयोग करते है देर रात तक... वो अपने जीवन में दो चीज खो रहे है पहला अपना स्वास्थ और पौरुष दूसरा मानसिक शांति... उपयोग करे पर देर रात नहीं या फिर सुबह जल्दी उठ कर भी आप सर्च कर सकते है उस वक्त मानसिक शान्ति जादा होती है मगर युवा वर्ग नहीं समझता है और बाद में दवा लेता पाया जाता है बाद में दवा के साइड इफेक्ट की दवा ढूंढता रहता है -
किसी आश्रम द्वारा लाई गई विभूति का टीका लगा कर सो सकते हैं या फिर हनुमान जी के चरणों का सिंदूर का तिलक लगा के सोये तो आपको कभी भी बुरे स्वप्न नहीं आयेगे और नकारात्मक उर्जा भी घर से दूर होती जायेगी ये सिंदूर आप पहले से भी ला के रख सकते है रोज जाने की आवश्यकता नहीं होगी -
सोने से पूर्व नमक पानी का उपाय कर सकते हैं जल में नमक डाले और दोनों पैर पन्द्रह मिनट रक्खे फिर सो जाए- आपको अच्छी नींद आएगी और दिन भर की थकावट से भी आराम होगा -
जो लोग अपने कमरे में फ़िल्मी नायक या नायिकाओं के चित्र या अन्य तामसिक चित्र लगाते है उनको ये सलाह है उन चित्रों से मन विचलित होता है सोने के कमरे में येसा चित्र न लगाए अगर आप किसी देवी देवता का चित्र लगाते है तो विशेष ध्यान रक्खे कि सोते वक्त आपका पैर उनकी तरफ न पड़े आपकी दाई तरफ हो और सुबह नींद खुलने पे उनका दर्शन हो .
निंद्रा को कैसे यज्ञकर्म बनाए :-
आप निद्रा को भी एक यज्ञकर्म बना सकते हैं यदि सोते समय नाम जप करते हुए सोते है तो उसकी मानसिक आवर्ती रात भर चलती रहती है और सुबह आपको प्रतीत होगा आपने सारी रात नाम जप किया है आपका ये प्रयोग आपको एक साथ दो चीजों का प्रतिफल देता है पहला ये आपको नींद अच्छी आएगी दूसरा आप जो मानसिक जप कर रहे थे आपको जीवन की सभी कठिनाइयो से दूर कर देगा -मेरे द्वारा दिया ज्ञान देखने में आपको भले ही सूक्ष्म लगे लेकिन सिर्फ दस दिन में ही आपको इसका प्रभाव स्वयं महसूस होगा -
इस प्रकार निद्रा का समय भी थोड़े समय में साधना हेतु उपयोग में आने लगेगा और जब सुबह उठाने पर सर्वप्रथम आपका ध्यान नामजप परजाए तो समझ लें कि संपूर्ण रात्रि आपका जप चल रहा था |
ये कुछ येसे प्रयोग थे जो हमने आपके साथ शेयर किये जो जीवन में हमने स्वयं प्रयोग किये और लाभ लिए है वैसे भी आज के युग में जीविकोपार्जन के बाद पत्नी और बच्चो की डिमांड के बाद किसी पे भी समय नहीं है कि वो कुछ कर सके मगर सोते समय एक छोटा सा प्रयास आपके जीवन में चार चाँद लगा सकता है मगर मित्र गन ध्यान दे "हथेली में सरसों न उगाए ,जो निराशा में जीते है उन्हें निराशा ही मिलती है "
उपचार और प्रयोग -
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