पुरुष खासकर युवा ही स्वप्न-दोष का शिकार होते है -स्वप्न-दोष वह अवस्था है जिसमे सोते -सोते अचानक पुरुष को वीर्यपात हो जाता है -उनके कपड़ो में गीला-पन हो जाता है -यहाँ तक कि बिस्तर पर सफ़ेद दाग पड़ जाते है -और सुबह उठने पे शर्मिंदगी महसूस करते है -इसको ही भारतीय समाज में स्वप्न-दोष का नाम दिया गया है -
जबकि पश्चिम में इसे किसी तरह का दोष नहीं माना जाता, बल्कि वहां तो इसे वेट ड्रीम (wet dreams) कहा जाता है जो ज्यादा उचित शब्द है।
पुरुषों में स्वप्नदोष(Wet dreams):-
मनोचिकित्सकों के अनुसार, Sleep sex, Masturbation या इसी तरह की किसी यौन उत्तेजना के उत्पन्न ख्याल से लिंग से Semen secretion हो जाता है। किशोरावस्था में यह बहुत सामान्य बात है। इसे लेकर किसी भी तरह की ग्रंथि नहीं पालनी चाहिए। सभी इससे गुजरते हैं, लेकिन यह जानकर आश्चर्य होगा कि Girls भी स्वप्नदोष की शिकार होती हैं। यह अलग बात है कि उनका जननांग भीतर की ओर होने की वजह से उन्हें अक्सर इसका पता नहीं चल पाता है।
पुरुषों में रात भर में करीब 4 से 5 बार लिंग उत्तेजित होता है। सुबह के समय इसकी stimulus बढ जाती है। स्वप्नदोष भी अक्सर सुबह के तीन से पांच के बीच ही अधिक होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिंग के उत्तेजना से नियमित रक्त संचालन होता रहता है, जो लिंग की मांसपेशियों व ऊतकों के स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है। यह एक तरह से लिंग की कसरत है। जब उत्तेजित लिंग वीर्य के भार को थामने में नाकाम नाकाम रहता है तो वीर्यपात हो जाता है, जो बहुत Natural है।
लडकियों का स्वप्न-दोष (Wet dreams of girls):-
गाइनकोलॉजिस्टों व मनोचिकित्सकों के अनुसार स्त्रियां भी Intense sexual अहसास से गुजरती हैं। किशोरावस्था, युवावस्था या फिर पति से बहुत अधिक दिनों तक दूर रहने पर कई बार महिलाओं में तीव्र यौन इच्छा जगती है और वह सोते से उठ जाती हैं। पुरुषों के समान उनमें वीर्यपात जैसा तो कुछ नहीं होता, लेकिन उत्तेजनावश उनकी Vagina अंदर से गीली और चिकनी हो जाती है।
महिलाए स्वप्न-दोष को नहीं समझ पाती :-
चूंकि महिलाओं का जननांग(Genital) अंदर की ओर विकसित होता है, इसलिए वह स्वप्नदोष को ठीक से समझ ही नहीं पाती हैं। महिलाओं को सोते वक्त कई बार जननांग या उसके आसपास दबाव पडने, घर्षण आदि के कारण कामोत्तेजना(Arousal) का अहसास होता है। ऐसा अक्सर टाइट पैंटी पहनने, जांघों के बीच हाथ दबाकर सोते वक्त हाथ से उत्पन्न घर्षण आदि अकेली स्त्री में अचानक से सोई हुई उत्तेजना को जगा देता है, जिससे उक्सर उनकी नींद खुल जाती है।
महिलाए कर सकती है एहसास :-
वैसे महिलाएं चाहें तो अपने स्वप्नदोष का अहसास कर सकती हैं-जब कभी रात में अचानक एक तीव्र व Pleasant feeling के साथ नींद के खुलते ही अपनी ऊंगली Vagina के अंदर ले जाने पर उन्हें चिप-चिपापन(Viscosity) और गीलेपन का अहसास होगा।
किशोरियों को ऐसे समय किसी अनजान साथी का, युवा लड़की को अपने ब्वॉयफ्रेंड का और पति से दूर रही रही पत्नी को अपने पति की दूरी का तीव्रता से अहसास होता है।
स्त्रियां कल्पना में भी यदि sexual intercourse करती हैं तो वह किसी अजनबी की जगह अपने साथी का ख्याल ही मन में लाती हैं।
कामोत्तेजना सेहत के लिए उचित :-
महिलाओं में भी कामोत्तेजना बढ़ने से Genital में रक्तसंचार होता है, जो यौन व प्रजनन स्वास्थ्य के हिसाब से बहुत उपयुक्त है। इससे योनि का लचीलापन बना रहता है, जो आगे चलकर पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने में तो सहज करता ही है, प्रसव के समय बच्चे के बाहर आने में भी आसानी होती है।
स्वपन-दोष किसी प्रकार का कोई "दोष " नहीं :-
परंपरागत भारतीय समाज में वीर्य की रक्षा करने पर मुख्य जोर रहा है, शायद इसी वजह से स्वप्न की वजह से होने वाले वीर्य स्खलन को स्वप्नदोष कह दिया गया है। लेकिन आधुनिक मनोविज्ञानी इसे किसी भी तरह से दोष नहीं मानते हैं। सोते में कामुक कल्पनाओं का उभरता और उसके प्रभाव से वीर्यस्राव कहीं से बुरा नहीं है। वीर्य की मात्रा जब शरीर में बढ जाती है तो वह बाहर निकलने का रास्ता तलाशती है। इसे ऐसे समझिए कि जब पानी का टंकी भर जाता है तो Overflow हो जाता है। यह बहुत कुछ वैसा ही है।
सुझाव :-
अत्यधिक Erotic thoughts करना, Pornography पर ज्यादा समय व्यतीत करना, Alcohol, सिगरेट, अधिक तला, मसालेदार और खटटा खाने जैसे कुछ ऐसे कारण हैं तो इसकी बारंबारता को बढा देते हैं। मसालेदार भोजन यौन उत्तेजना बढाने में सहायक हैं। भारतीय समाज ने शायद किशोर-वस्था में अधिक कामोत्तेजना, शराब, सिगरेट का सेवन और मसालेदार भोजन आदि से दूर रहने के लिए ही इसे दोष का नाम दिया। पोर्नोग्राफी, शराब, सिगरेट और मसालेदार भोजन से बचना तो वैसे भी स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, क्योंकि ये सभी एडिक्शन का खतरा पैदा करते हैं।
स्वप्न-दोष के लिए ये टिप्स अपनाए :-
आँवले का मुरब्बा रोज खाएँ ऊपर से गाजर का रस पिएँ।
तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पीना लाभकारी होता है। अगर जड़ नहीं उपलब्ध हो तो तो बीज 2 चम्मच शाम के समय लें।
लहसुन की दो कली कुचल कर निगल जाएँ। थोड़ी देर बाद गाजर का रस पिएँ।
मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच और आक की छाल का चूर्ण एक चम्मच दूध के साथ लें।
काली तुलसी के पत्ते 10-12 रात में जल के साथ लें।
रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपड़े से छानकर पी जाएँ।
अदरक रस 2 चम्मच, प्याज रस 3 चम्मच, शहद 2 चम्मच, गाय का घी 2 चम्मच, सबको मिलाकर सेवन करने से स्वप्नदोष तो ठीक होगा ही साथ मर्दाना ताकत भी बढ़ती है।
नीम की पत्तियाँ नित्य चबाकर खाते रहने से स्वप्नदोष जड़ से गायब हो जाएगा।
आंवले का मुरब्बारोज खाने से स्वप्र दोष में लाभ होता है।
कांच के गिलास में बीस ग्राम पिसा हुआ सुखा आंवला डाले। इसमें साठ ग्राम पानी भरें और फिर बारह घंटे भीगने दें। फिर छानकर इस पानी में एक ग्राम पीसी हुई हल्दी मिलाएं और पीएं।
पिसे हुए अनार के छिलके पांच ग्राम सुबह और शाम लेने से स्वप्न दोष नहीं होता।
केला स्वप्न दोष और प्रमेह में लाभदायक है। दो केले खाकर ऊपर से एक पाव गरम दूध तीन महीनें तक रोज पीएं।
लहसुन की दो कुली टुकड़े करके पानी से निगल जाएं। इससे स्वप्र दोष नहीं होगा। यह प्रयोग रात को सोते समय हाथ-पैर धोकर रोज करें।
प्याज दस ग्राम सफेद प्याज का रस, अदरक का रस आठ ग्राम, शहद पांच ग्राम, घी तीन ग्राम मिलाकर रात्रि को सोते समय पीने से स्वप्र दोष नहीं होता।
धनिये को पीसकर मिश्री मिलाकर ठण्डे जल से लेने से स्वप्र दोष नहीं होता।
तुलसी की जड़ के छोटे-छोटे टुकड़े पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
सुखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें समान मात्रा में पीसी हुई चीनी मिलाएं। सुबह भूखे पेट रात के पानी से एक चाय की चम्मच फक्की लें और एक घंटे तक कुछ न खाएं पीएं।
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