मौसम बेमौसम में कीड़े, उड़ते रहते है और कभी कभी काट भी लेते है। विभिन्न प्रकार की चींटियॉ भी काट खाती है। इनके काटने से काफी जलन होता है। आक्रांत स्थान पर काफी सूजन हो जाती है।
मधुमक्खियाँ भी बड़े जोर से काट खाती है और यह कभी कभी खतरनाक भी होता है। कुछ कीड़ों का डंक सूजन के साथ साथ काफी जलन और बेचैनी पैदा करने वाला होता है जिसका सही समय पर इलाज आवश्यक है।
बाजार मे मिलने बाली कीड़ों के काटने की दवा से तुरंत आराम नही मिल पाता है, कभी कभी डाक्टर से सलाह लेना आवशयक हो जाता है।लेकिन तुरंत आराम के लिए कुछ घरेलु उपाय भी अपनाएं जा सकते हैं...
मधुमक्खियाँ भी बड़े जोर से काट खाती है और यह कभी कभी खतरनाक भी होता है। कुछ कीड़ों का डंक सूजन के साथ साथ काफी जलन और बेचैनी पैदा करने वाला होता है जिसका सही समय पर इलाज आवश्यक है।
बाजार मे मिलने बाली कीड़ों के काटने की दवा से तुरंत आराम नही मिल पाता है, कभी कभी डाक्टर से सलाह लेना आवशयक हो जाता है।लेकिन तुरंत आराम के लिए कुछ घरेलु उपाय भी अपनाएं जा सकते हैं...
विषैले कीड़े के काटने पर प्याज पीसकर शहद में मिलाकर काटे हुए स्थान पर लगाएं।
दंश के स्थान पर नीबू का रस लगाएं।
आम की गुठली पानी के साथ घिसकर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
दंश स्थान पर आक के दूध का लेप करने से राहत मिलती है।
अनार के पत्तों को पीस कर लगाने से लाभ होता है।
जहरीले जन्तु के काट लेने पर दंश स्थान पर लगाने से विष शमन होने लगता है।
विषैले दंश के स्थान पर नमक का पानी डालकर रगड़ें।
तुलसी के पत्तों को शरीर पर लगाएं और पत्तों को पीसकर इसका रस रोगी को पिलाएं।
विषैले कीड़े, मधुमक्खी या बिच्छु के काटने पर नीम की पत्तियों को पीस कर लेप करें। नीम के पत्तों को चबाएं।
मिट्टी की गीली पट्टी बांधे।
दिलासलाई का मसाला पानी में घिसकर लगाएं।
पुदीने की पत्ती चबाएं।
उपचार और प्रयोग-
उपचार और प्रयोग-
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