माताओं-बहनो को मासिक धर्म (Periods) से सबन्धित समस्याएँ होना साधारण बात है देखने में आया है कि अक्सर माहवारी (Menstruation ) की अनियमिता(Irregularities )हो जाती है -
अर्थात कई बार रक्तस्त्राव (Haemorrhage ) बहुत अधिक हो जाता है और कई बार क्या होता है बिलकुल ही नहीं होता और कभी कभी ऐसा भी होता है की ये दो या तीन दिन होना चाहिए- लेकिन एक ही दिन होता है -और कई बार 15 दिन में ही दुबारा आ जाता है और कई बार दो महीने तक नहीं आता -
माताओं और बहनों के लिए मासिक-धर्म चक्र (menstrual cycle ) की अनियमिता (Irregularities) की जितनी सभी समस्याएँ है इसकी हमारे आयुर्वेद मे बहुत ही अच्छी और लाभकारी ओषधि है वो है- अशोक के पेड़ के पत्तों की चटनी -
लेकिन एक बात याद रखे अशोक का पेड़ दो तरह का है एक तो सीधा है बिलकुल लंबा ज़्यादातर लोग उसे ही अशोक समझते है जबकि वो नहीं है एक और होता है पूरा गोल होता है और फैला हुआ होता है वही असली अशोक का पेड़ है जिसकी छाया मे माता सीता ठहरी थी -
पहचान के लिए चित्र देखे-
आप इस असली अशोक के 5-6 पत्ते तोड़िए उसे पीस कर चटनी बनाओ अब इसे एक से डेढ़ गिलास पानी मे कुछ देर तक उबाले तथा इतना उबाले की पानी आधा से पौन गिलास रह जाए .फिर उसे बिलकुल ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिये और फिर उसको बिना छाने हुए पीये ! सबसे अच्छा है सुबह खाली पेट पीना -
कितने दिन तक पीना है:-
इसे 30 दिन तक लगातार पीना उससे मासिक धर्म (periods ) से सबन्धित सभी तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं -
ये सबसे अधिक अकेली बहुत ही लाभकारी दवा है ! जिसका नुकसान कोई नहीं है -और अगर कुछ माताओ-बहनो को 30 दिन लेने से थोड़ा आराम ही मिलता है ज्यादा नहीं मिलता तो वो और अगले 30 दिन तक ले सकती है वैसे लगभग मात्र 30 दिन लेने से ही समस्या ठीक हो जाती है -
महवारी मे अनियमिता की बात के बाद -अब बात करते पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द की-बहुत बार माताओ -बहनो को ऐसे समय मे बहुत अधिक शरीर मे अलग अलग जगह दर्द होता है कई बार कमड़,दर्द होना ,सिर दर्द होना ,पेट दर्द पीठ मे दर्द होना जंघों मे दर्द होना ,स्तनो मे दर्द,चक्कर आना ,नींद ना आना बेचैनी होना आदि तो ऐसे मे तेज पेन किलर लेने से बचे क्योंकि इनके बहुत अधिक साइड इफेक्ट है , एक बीमारी ठीक करेंगे तो दस साथ हो जाएगी -
तो आयुर्वेद मे भी इस तरह के दर्दों की तात्कालिक (instant relief ) दवाये है जिसका कोई side effect नहीं है ! तो पीरियडस के दौरान होने वाले दर्दों की सबसे अच्छी दवा है गाय का घी अर्थात देशी गाय का घी -एक चम्मच देशी गाय का घी को एक गिलास गर्म पानी मे डालकर पीये -पहले एक गिलास पानी खूब गर्म करे जैसे चाय के लिए गर्म करते है बिलकुल उबलता हुआ -फिर उसमे एक चम्मच देशी गाय का घी डाले फिर गुनगुना होने पर जिस तरह चाय पीते है उसी प्रकार धीरे-धीरे पिए -तात्कालिक (instant relief ) एक दम आराम आपको मिलेगा और ये लगातार 4 -5 दिन जितने दिन पीरियड्स रहते है पीना है उससे ज्यादा दिन नहीं पीना ! ये पीरियडस के दौरन होने वाले सब तरह के दर्दों के लिए instant relief देता है सामान्य रूप से होने वाले दर्दों के लिए अलग दवा है -
बस घी देशी गाय का ही होना चाहिए -विदेशी जर्सी-होलेस्टियन -फिरिजियन भैंस का नहीं -देशी गाय की पहचान है की उसकी पीठ गोल सा -मोटा सा हम्प होता है -कोशिश करे घर के आस पास पता करे देशी गाय का -उसका दूध लाकर खुद घी बना लीजिये -बाजारो मे बिक रहे कंपनियो के घी पर भरोसा ना करें-
राजीव भाई का एक और नुस्खा है :-
अंत जब तक आपको जीवन मे आपको मासिक धर्म रहता है आप नियमित रूप से चूने (Lime ) का सेवन करें- गीला चूना जो पान वाले के पास से मिलता है कितना लेना है - बस गेहूं के दाने जितना ही ले -
इसे कैसे लेना है :-
बढ़िया है की सुबह सुबह खाली पेट लेकर काम खत्म करे आधे से आधा गिलास पानी हल्का गर्म करे गेहूं के दाने के बराबर चूना डाले चम्मच से हिलाये पी जाए-
इसके अतिरिक्त दही मे ,जूस मे से सकते है बस एक बात का ध्यान रखे कभी आपको पथरी की समस्या रही तो चूने का सेवन ना करे-
ये चुना बहुत ही अच्छा है बहुत ही ज्यादा लाभकरी है मासिक धर्म मे होने वाली सब तरह की समस्याओ के लिए-
इसके अतिरिक्त आप junk food खाने से बचे , और नियमित सैर करे-
उपचार और प्रयोग-
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