हमारे देश में हमारी माताए बहने वैसे भी संस्कारित विचारों की होती है वो अपने परिवार की सेवा में अपना जीवन अर्पण कर देती है -त्याग और ममता की प्रतिमूर्ति है ममता ,प्यार ,दया ,और सेवा भावना जन्म जात कूट-कूट कर भरी होती है -इसलिए दूसरो का ध्यान देते-देते -खुद का ध्यान नहीं रख पाती है -
धीरे-धीरे यही सेवा भावना स्वयं पे ध्यान न दे पाने के कारण उनको अंदर से कमजोर बना देती है और उनको कुछ बीमारियों से स्वाभाविक रूप से जूझना पड़ता है जैसे- मासिक धर्म की अनियमितता ,कमजोरी,दुबला-पन,सिरदर्द,श्वेत प्रदर ,रक्त-प्रदर ,कमर-दर्द आदि -
आपके लिए एक आयुर्वेद का नुस्खा है जो महिलाओं की कमजोरी को दूर करके आपको बीमारियों से भी निजात दिला सकता है -
आयुर्वेद नुस्खा:-
सामग्री :-
स्वर्ण भस्म या वर्क -10 ग्राम
मोती पिष्टी - 20 ग्राम
शुद्ध हिंगुल - 30 ग्राम,
सफेद मिर्च - 40 ग्राम,
शुद्ध खर्पर - 80 ग्राम।
गाय के दूध का मक्खन - 25 ग्राम
नीबू का रस - थोडा सा
बनाने की विधि :-
सबसे पहले आप स्वर्ण भस्म या वर्क और हिंगुल को मिला कर एक जान कर लें। फिर शेष द्रव्य मिलाकर मक्खन के साथ घुटाई करें। फिर नींबु का रस कपड़े की चार तह करके छान लें और इसमें मिलाकर चिकनापन दूर होने तक घुटाई करनी चाहिए।आठ-दस दिन तक घुटाई करनी होगी। फिर उसकी एक-एक रत्ती की गोलिया बना लें।
सेवन की विधि:-
आप इसे एक या दो गोली सुबह शाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ सेवन करें-इस दवाई का सेवन करने से महिलाओं को प्रदर रोग, शारीरिक क्षीणता, और कमजोरी आदिसे मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है- यह दवाई ”स्वर्ण मालिनी” वसंत के नाम से बाजार में भी मिलती है। इसके सेवन से शरीर बलशाली होता है। शरीर के सभी अंगों को ताकत मिलती है।
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