क्या आप हमेशा थकान महसूस करते है ?
क्या आपको अक्सर फोडा - फुंसी और दानों की शिकायत रहती है ?
या पेट में गड़बड़ी रहती है ?
क्या आपका वजन कम नहीं होता ?
* इसका साफ मतलब है कि आपके रक्त को शुद्धता की आवश्यकता है। दुनिया भर की पद्धतियों में वर्षो से रक्त साफ करने के प्रयास होते आ रहे है - इनमें आयुर्वेदिक और चाइनीज दवा प्रणाली भी शामिल है - रक्त की शुद्धता का अर्थ होता है कि उसमें स्थित अशुद्धि को दूर करना। रक्त में कई प्रकार के गंदे तत्व मिल जाते है जिससे शरीर की प्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ता है। इन पद्धतियों के माध्यम से रक्त को साफ करने के अलावा उनमें पोषक तत्वों को शामिल करने का भी प्रयास किया जाता है ताकि मानव शरीर स्वस्थवर्धक हो।
* रक्त की सफाई प्रणाली कैसे काम करती है रक्त की सफाई का अर्थ रक्त से अशुद्धियों को दूर करना होता है। इसे लिवर में स्थित खून के जरिए साफ करने का प्रयास किया जाता है, दवाईयां दी जाती है जो पेट में पहुंचकर पेट के खून को साफ करती है और खून सर्कुलेशन के जरिए पूरी बॉडी में पहुंच जाता है। और एक समय के बार पूरी बॉडी का खून साफ हो जाता है। अगर शरीर का रक्त साफ नहीं होता है तो प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
* रक्त की शुद्धता के बाद, आप इन खाद्य पदार्था का सेवन अवश्य करें ताकि आपके शरीर का रक्त हमेशा शुद्ध बना रहें। इसे अलावा, सही जीवनशैली भी अपनाएं।
* फाइबर युक्त भोजन खाएं, जिसमें ब्राउन राइस, सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करें। चुकंदर, गाजर, शलजम, मूली, वंदगोभी, ब्रोकली, स्पीरयूलिना, क्लोरिल्ला और समुद्री शैवाल आदि को खाएं। इनमें गजब की रक्त साफ करने की क्षमता होती है।
* कुछ जड़े भी रक्त को शुद्ध करने में सहायक होती है। इसके अलावा, हर्ब और ग्रीन टी भी रक्त को प्यूरीफाई करने में सहायक होती है।
* विटामिन सी का सेवन करें। इससे शरीर में ग्लूथाथियोन की मात्रा बढ़ती है और लीवर के रक्त की शुद्धता बढ़ती है।
* हर दिन में कम से कम दो लीटर पानी अवश्य पिएं।
* गहरी सांस लें ताकि आपके फेफड़ों में अच्छे से ऑक्सीजन पहुंचे और रक्त का संचार सही से हो। हमेशा सकारात्मक भावनाएं रखें।
* हर दिन कम से कम 5 मिनट के लिए गर्म पानी में स्नान करें। इसके बाद 30 सेकेंड के लिए ठंडे पानी से नहाएं। ऐसा कम से कम तीन बार करें। इ सके बाद आराम करें और 30 मिनट के लिए सो जाएं।
* अपने शरीर में पसीने को आने दें। या कोई ऐसा काम करें ताकि आपकी बॉडी से पसीना निकले।
* अपनी बॉडी से डेड स्कीन को निकाल दें। पैरों को पैडीक्योर और हाथों को मैनीक्योर करें। इससे छिद्र खुल जाते है और रक्त में संचार अच्छे से होता है।
* सौंफ रक्त को साफ करने वाली एवं चर्मरोग नाशक है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
क्या आपको अक्सर फोडा - फुंसी और दानों की शिकायत रहती है ?
या पेट में गड़बड़ी रहती है ?
क्या आपका वजन कम नहीं होता ?
* इसका साफ मतलब है कि आपके रक्त को शुद्धता की आवश्यकता है। दुनिया भर की पद्धतियों में वर्षो से रक्त साफ करने के प्रयास होते आ रहे है - इनमें आयुर्वेदिक और चाइनीज दवा प्रणाली भी शामिल है - रक्त की शुद्धता का अर्थ होता है कि उसमें स्थित अशुद्धि को दूर करना। रक्त में कई प्रकार के गंदे तत्व मिल जाते है जिससे शरीर की प्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ता है। इन पद्धतियों के माध्यम से रक्त को साफ करने के अलावा उनमें पोषक तत्वों को शामिल करने का भी प्रयास किया जाता है ताकि मानव शरीर स्वस्थवर्धक हो।
* रक्त की सफाई प्रणाली कैसे काम करती है रक्त की सफाई का अर्थ रक्त से अशुद्धियों को दूर करना होता है। इसे लिवर में स्थित खून के जरिए साफ करने का प्रयास किया जाता है, दवाईयां दी जाती है जो पेट में पहुंचकर पेट के खून को साफ करती है और खून सर्कुलेशन के जरिए पूरी बॉडी में पहुंच जाता है। और एक समय के बार पूरी बॉडी का खून साफ हो जाता है। अगर शरीर का रक्त साफ नहीं होता है तो प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
* रक्त की शुद्धता के बाद, आप इन खाद्य पदार्था का सेवन अवश्य करें ताकि आपके शरीर का रक्त हमेशा शुद्ध बना रहें। इसे अलावा, सही जीवनशैली भी अपनाएं।
* फाइबर युक्त भोजन खाएं, जिसमें ब्राउन राइस, सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करें। चुकंदर, गाजर, शलजम, मूली, वंदगोभी, ब्रोकली, स्पीरयूलिना, क्लोरिल्ला और समुद्री शैवाल आदि को खाएं। इनमें गजब की रक्त साफ करने की क्षमता होती है।
* कुछ जड़े भी रक्त को शुद्ध करने में सहायक होती है। इसके अलावा, हर्ब और ग्रीन टी भी रक्त को प्यूरीफाई करने में सहायक होती है।
* विटामिन सी का सेवन करें। इससे शरीर में ग्लूथाथियोन की मात्रा बढ़ती है और लीवर के रक्त की शुद्धता बढ़ती है।
* हर दिन में कम से कम दो लीटर पानी अवश्य पिएं।
* गहरी सांस लें ताकि आपके फेफड़ों में अच्छे से ऑक्सीजन पहुंचे और रक्त का संचार सही से हो। हमेशा सकारात्मक भावनाएं रखें।
* हर दिन कम से कम 5 मिनट के लिए गर्म पानी में स्नान करें। इसके बाद 30 सेकेंड के लिए ठंडे पानी से नहाएं। ऐसा कम से कम तीन बार करें। इ सके बाद आराम करें और 30 मिनट के लिए सो जाएं।
* अपने शरीर में पसीने को आने दें। या कोई ऐसा काम करें ताकि आपकी बॉडी से पसीना निकले।
* अपनी बॉडी से डेड स्कीन को निकाल दें। पैरों को पैडीक्योर और हाथों को मैनीक्योर करें। इससे छिद्र खुल जाते है और रक्त में संचार अच्छे से होता है।
* सौंफ रक्त को साफ करने वाली एवं चर्मरोग नाशक है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
No comments:
Post a Comment