Thursday, March 19, 2015

आज की स्त्री क्या है?

  • स्त्री के जीवन में प्यार बहुत मायने रखता है। प्यार उसकी सांसों में फूलों की खुशबू की तरह रचा-बसा होता है, जिसे वह पूरी उम्र भूल नहीं पाती। जब इस संसार की रचना हुई होगी और धरती पर पहली बार आदम और हौवा ने धरती पर कदम रखा होगा, तभी से औरत ने आदमी के साथ मिलकर जिंदगी़ मुश्किलों से लडते हुए साथ मिलकर रहने की शुरुआत की होगी और वहीं से उसके जीवन में पहली बार प्यार का पहला अंकुर फूटा होगा।
  • प्रेम एक ऐसी अबूझ पहेली है, जिसके रहस्य को जानने की कोशिश में जाने कितने प्रेमी दार्शनिक, कवि और कलाकार बन गए। एक बार प्रेम में डूबने के बाद व्यक्ति दोबारा उससे बाहर नहीं निकल पाता। स्त्रियों का प्रेम पुरुषों के लिए हमेशा से एक रहस्य रहा है। कोई स्त्री प्यार में क्या चाहती है, यह जान पाना किसी भी पुरुष के लिए बहुत मुश्किल और कई बार तो असंभव भी हो जाता है।
  • प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है, जो हर इंसान के दिल के किसी न किसी कोने में बसा होता है। इस एहसास के जागते ही कायनात में जैसे चारों ओर हजारों फूल खिल उठते हैं जिंदगी को जीने का नया बहाना मिल जाता है।
  • आज की स्त्री निर्भीक और आत्मविश्वासी है। इस वजह से पहले की तुलना में आज वह अपने रिश्ते को लेकर ज्यादा ईमानदार है। अपने संबंध को बचाए रखने के लिए वह अपने बलबूते पर समाज से लडती है। पुराने समय में लडकियां दब्बू और डरपोक स्वभाव की होती थीं, साथ ही उन पर परिवार और समाज का प्रतिबंध भी ज्यादा होता था। अगर वे किसी से प्यार भी करती थीं तो उनका यह प्यार बहुत दबा-ढका होता था अकसर उनके मन में प्रेम को लेकर अपराधबोध की भावना होती थी कि माता-पिता की मर्जी के िखलाफ वे जो कुछ भी कर रही हैं, वह गलत है। अगर माता-पिता ज्यादा सख्ती से पेश आते और लडकी की शादी कहीं और तय कर देते तो उसका प्यार परवान चढने से पहले ही दम तोड देता था। जहां तक प्यार के लिए समाज से लडने की बात है तो इसकी िजम्मेदारी लडके की ही मानी जाती थी पर आज की स्त्री अपने प्यार को छिपाती नहीं और उसे हासिल करने के लिए वह खुद तैयार रहती है।
  • आज के युग में किसी से प्यार करना कोई गुनाह नहीं है, जिसे लोगों से छिपाया जाए। आज के परिवर्तन में अब माता-पिता को यह बात समझ आ गई और अब वे लोग भी इस बात से रजामंद हो गए हैं।
  • प्रेम एक शाश्वत भावना है, जो सदैव बनी रहती है। फिर भी बदलते वक्त के साथ प्रेम को लेकर स्त्री के विचारों में काफी बदलाव आया है। आधुनिक मध्यवर्गीय स्त्री का जीवन अति व्यस्त और कशमकश से भरा हुआ है। पहले वह घर की चारदीवारी में कैद रहती थी, इस वजह से उसकी इच्छाएं भी बहुत सीमित थीं और अपने बंद दायरे में भी वह खुश और संतुष्ट रहती थी। पहले बाहर की दुनिया से वह बेखबर थी लेकिन आज की शिक्षित और कामकाजी स्त्री के अनुभवों का दायरा पहले की तुलना में काफी विस्तृत है।
  • आज की स्थिति में अब उसे समाज को ज्यादा करीब से देखने और समझने का अवसर मिला है। अब वह अपने जीवन की तुलना दूसरी स्त्रियों से आसानी से कर सकती है। आज पुरुषों की तुलना में स्त्रियों का जीवन ज्यादा तेजी से बदला है। पहले की तुलना में उसके संबंधों में ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिलता है। आज स्त्रियों के प्रेम में समर्पण की भावना खत्म होती जा रही है, इसी वजह से चाहे प्रेम हो या शादी उनके किसी भी रिश्ते के स्थायित्व के लिए खतरा पैदा हो गया है।

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