Saturday, September 27, 2014

बैंगन क्यों खाए और क्यों न खाए...!

बैंगन की सब्जी बनाते समय यदि तीन बातों का ध्यान रखिये......! 

*तो सब्जी आपको फायदा ही करेगी- 

प्रथम -बैंगन की ढेंप (ताज) भी सब्जी में डाला जाये। 

द्वितीय - सब्जी में तेल भरपूर मात्रा में हो। 

तृतीय- सब्जी में हींग जरूर डाली जाए। साथ ही बैंगन की सब्जी केवल ठंड में खाई जाए अर्थात बैगन खाने का उपयुक्त समय दीपावली से होली तक है। 








कौन बैगन खाए और कौन नहीं -
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* बुखार से पीड़ित व्यक्ति को बैंगन नहीं खाना चाहिए। 

* अनिद्रा के रोगी को भी बैंगन नहीं खाना चाहिए। 


* किसी भी दिमागी बिमारी के रोगी को भी बैंगन नहीं खाना चाहिए। (मानसिक तनाव, उन्माद आदि रोग में ) 


* बवासीर के रोगी को तो कतई बैगन नहीं खाना चाहिए। 


* त्वचा रोग ,एलर्जी आदि में भी बैगन नहीं खाना चाहिए। 


* एसिडिटी हो तो बैगन की तरफ देखिये भी नहीं। 


* गर्भवती महिलायें भी बैगन से परहेज करें।


* बैगन की तो कई किस्में पाई जाती हैं लेकिन काले और गोल बैगन जो बीज रहित हों ,सबसे ज्यादा गुणकारी होते हैं। बीज वाले बैगन कभी नहीं खाने चाहिए। ये पित्त बढ़ाते हैं। छोटे छोटे कोमल बैगन पित्त और कफ को दूर करते हैं। 


* बैगन में विटामिन ए ,बी ,सी ,आयरन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन भरपूर पाये जाते हैं। 


* यदि लीवर और तिल्ली बढ़ गयी हो तो कोमल बैगन आग में भून कर पुराना गुड मिला कर खाएं, सुबह खाली पेट। एक माह लगातार खाए ,लाभ दिखाई देगा। 


* शरीर में हवा का गोला घूमता हुआ सा महसूस होता हो तो बैगन का सूप हींग और लहसुन मिला कर बनाएं और रोजाना पीयें। 


* बैगन मूत्रल है। इसकी सब्जी रोजाना खाने से ज्यादा मूत्र होगा और किडनी और मूत्राशय में बनने वाली पथरी गल कर बाहर निकल जाएगी। 


* अगर आपको खुल कर भूख नहीं लगती है तो बैंगन और टमाटर का सूप बनाकर लगातार २१ दिन जरूर पीयें ,भूख खुल कर लगने लगेगी। 


* आपको नींद नहीं आती है टोबैगन आग में भूनिये ,छिलका उतारिये। बचे हुए गूदे में शहद मिलाकर शाम के समय खा लीजिये। लगातार २१ दिन खाएं। नींद अच्छी और गहरी आयेगी। रक्तचाप सामान्य रहेगा।

* खांसी बहुत ज्यादा परेशान कर रही है तो बैगन को पानी में उबाल कर सूप बनाये फिर इस सूप में हल्दी और मिश्री मिला कर पी जाएँ ,जल्दी आराम मिलेगा। 


* बैगन की सब्जी हार्ट को भी मजबूती प्रदान करती है। 


* कब्जियत दूर करने के लिए बैगन और पालक का सूप पीजिये ,सेंधा नमक मिला कर। 


* आपकी हथेलियाँ और पैर के तलुए पसीने से भीगे रहते हों तो उनपर बैगन का रस मल लीजिये। 


* बैगन के बीज पेट के कीड़ों को खत्म करते हैं। बीजो को शहद मिलकर खा लीजिये। 


* बवासीर के मस्सो पर बैगन का ढेप पीस कर लगा दीजिये ,अद्भुत आराम मिलेगा।

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